Who Is Gukesh Dommaraju: सोशल मीडिया पर एक 18 साल के लड़के ने तबाही मचा दी है. उसके चर्चे हर तरफ हैं. खासतौर पर ट्विटर पर लोग उसे किंग और ‘शतरंज का बादशाह’ बुला रहे हैं. इस लड़के का नाम गुकेश डोम्माराजू है जो आज 12 दिसंबर को दुनिया का सबसे यंग चेस चैंपियन (World Chess Champion) बन गया है. भारत के रहने वाले गुकेश डी ने दुनियाभर में तिरंगा लहराकर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. उन्होंने सबसे कम उम्र के वर्ल्ड शतरंज चैंपियन बनकर शतरंज के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. ट्विटर पर गुकेश को किंग बताकर फैंस उनकी जीत का जश्न मना रहे हैं. भारत के लिए आज बहुत बड़ा दिन है.
ट्विटर पर खुशी से झूम उठे भारतीय फैंस
गुकेश डी ने दिसंबर 2024 में सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप में भाग लिया था. उन्होंने आखिरी राउंड में वर्ल्ड चैंपियन डिंग लिरेन को हरा दिया. आखिरी मैच में डिंग एक बड़ी गलती कर बैठे और जीत गुकेश के खाते में चली गई. इस तरह वो दुनिया के सबसे यंग इकलौते चैंपियन बन गए हैं. दोनों के बीच 6.5-6.5 से बराबरी पर था लेकिन आखिरी क्लासिकल गेम में डिंग गलती कर बैठे और गुकेश जीत गए. वर्ल्ड चैंपियन बनते ही गुकेश के आंसू छलक पड़े और वो रोने लगे. ट्विटर पर फैंस गुकेश की को किंग बताते हुए खूब प्यार लुटा रहे हैं.
कौन हैं गुकेश डोम्माराजू
अब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर गुकेश कौन हैं? बता दें कि गुकेश डोम्माराजू 29 मई, 2006 को चेन्नई में पैदा हुए हैं. वो शतरंज के धुरंधर खिलाड़ी हैं. भारत में जन्मे डी. गुकेश शतरंज के इतिहास में विश्वनाथन आनंद के बाद यह सम्मान हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. गुकेश काफी हाई एजुकेटेड फैमिली से आते हैं. उनके पिता डॉ. रजनीकांत, एक प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन हैं. वहीं गुकेश की माँ, डॉ. पद्मा, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं.
7 साल की छोटी उम्र से शतरंज खेल रहे हैं गुकेश
डी गुकेश को आज पूरी दुनिया चैंपियन मान रही है. वो 7 साल की उम्र से शतरंज खेल रहे हैं. उन्होंने अपने पहले कोच के साथ एक हफ्ते में सिर्फ तीन दिन चेस सीखा और उनकी इसमें दिलचस्पी बढ़ती गई. साल 2015 तक, उन्होंने एशियाई स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में अंडर-9 जीतकर अपनी पहचान बना ली थी. फिर 2018 में उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में जीत हासिल की और एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में 5 गोल्ड मेडल जीतकर भारत का सिर ऊंचा किया था. गुकेश की शानदार तरक्की जारी रही और 2017 में वे ग्लोबल मास्टर बन गए. आखिरकार दो साल बाद 2024 में वह शतरंज के इतिहास में तीसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए हैं.
हम सभी जानते हैं कि इस साल गुकेश ने ही भारत को शतरंज ओलंपियाड में पहला गोल्ड मेडल दिलवाया था. इसके बाद वह इंटरनेशनल खिलाड़ी बन गए. अब उन्होंने मौजूदा विश्व शतरंज चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर पूरी दुनियाभर में अपना लोहा मनवा दिया है. इस ऐतिहासिक जीत के साथ, गुकेश ने शतरंज में खुद को एक ग्लोबल आइकन के रूप में मजबूती से स्थापित कर लिया है. वह चेस गेम में दुनियाभर के प्लेयर्स के लिए सबसे बड़ी इंस्पिरेशन बन गए हैं.